ॐ श्री हरि
Monday, July 30, 2012
जय हनुमान
जय हनुमान
श्री गुरु चरण सरोज रज ,निज मन मुकुर सुधारि
बरनऊ रघुवर विमल जसु,जो दायक फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानि के ,सुमिरो पवन कुमार
बल बुधि
विद्या देऊ मोहि ,हरहु क्लेश विकार
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