Saturday, July 28, 2012

कृष्णा

कृष्णा

|| जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को ||

जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को |
मन से झांक लो तुम राधा के हार को ||

बिन कसाले के हर राज़ ही खुल जाएगा |
तुम्हे तब आशीष दोनों का मिल जाएगा ||
रखना आँखे खुली तब दोनों के दीदार को |
जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को ||

कमी कोई भी तुमको नही होगी कभी |
जो भी मांगोगे मिल जाएगा वो तभी ||
जोड़े रखना सभी को होगा उनसे तार को |
जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को ||

मन है उनका दिया तन उन्ही का दिया |
जो भी पास तेरे सब है उन्ही का दिया ||
रखना सुरक्षित उनके सभी उपहार को |
जानना चाहो गर ‘कृष्णा  ’ के प्यार को ||

जय श्री कृष्णा

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