कृष्णा
|| जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को ||
जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को | मन से झांक लो तुम राधा के हार को ||
बिन कसाले के हर राज़ ही खुल जाएगा | तुम्हे तब आशीष दोनों का मिल जाएगा || रखना आँखे खुली तब दोनों के दीदार को | जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को ||
कमी कोई भी तुमको नही होगी कभी | जो भी मांगोगे मिल जाएगा वो तभी || जोड़े रखना सभी को होगा उनसे तार को | जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को ||
मन है उनका दिया तन उन्ही का दिया | जो भी पास तेरे सब है उन्ही का दिया || रखना सुरक्षित उनके सभी उपहार को | जानना चाहो गर ‘कृष्णा ’ के प्यार को ||
जय श्री कृष्णा
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