Sunday, July 21, 2013

गुरू पूर्णिमा


  
गुरू पूर्णिमा बहुत ही प्राचीन त्योहार है। यह पंरपरा महर्षि व्यास जी के समय से है, जब उन्होने वेदो को संगृहित किया था । महर्षि जी ने न केवल चारो वेदो को संगृहित किया ब्लकि ३६ पुराणो का भी अभिलेखन किया था । 
उनके शिष्य उनके इस अनमोल देन का रिण चुकाना चाहते थे तो महर्षि जी ने कहा कि वर्ष में एक दिन उन्हें समर्पित करे , उस दिन नियत समय पर जो भेंट या उपहार उन्हे अर्पित करेंगे वो उन तक जरूर पहुंचेगा, तो सबने मिल कर आषाढ़ की पूर्णिमा का दिन चुना, इस लिये इस दिन को हम गुरूपूर्णिमा के रूप में जानते और मनाते हैं