Monday, September 30, 2013

केवल स्वच्छ मन





    न मीरा का मोह रोक पाया

   न राधा का प्रेम ही

   सुदामा की दोस्ती पर

   न्यौछावर अपनी हर चीज़ की

  भक्ति में शक्ति है कितनी

  ये बताया सब को

 कृष्ण और सुदामा के प्रेम ने

  न धन चाहिये 

न रत्न चाहिये

कृष्ण को पाना है तो

 केवल स्वच्छ मन चाहिये

जै श्री कृष्णा

1 comment:

  1. सुदामा कृषण मित्रता मिसाल है
    मित्रता में अमीरी गरीबी नहीं होती
    जय कृषण

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