न मीरा का मोह रोक पाया
न राधा का प्रेम ही
सुदामा की दोस्ती पर
न्यौछावर अपनी हर चीज़ की
भक्ति में शक्ति है कितनी
ये बताया सब को
कृष्ण और सुदामा के प्रेम ने
न धन चाहिये
न रत्न चाहिये
कृष्ण को पाना है तो
केवल स्वच्छ मन चाहिये
जै श्री कृष्णा