ॐ श्री हरि
Friday, April 19, 2013
मेरे गिरधर
कान्हा
हे वसुनंदन कुमार
देवकी नंदन प्यारे
गोकुल में नानाद्लाल
बाल लीला विस्तारे
गति दीन्ही पूत्न्ही
नाथ अब मेरी बारी
श्री राधावेर क्रिशंचंदर
मै अब शरण तिहारी
अब राखो लाज हमारी
मेरे गिरधर मेरे मुरारी
जय हो मेरे क्रिशन मुरारी
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